खूबसूरत लगे किसी हद तक
या कि सूरत ही ना पसंद आए
देख कर मिलना चाहे कोई
या कि कतरा के निकल जाए
दो पल साथ गुज़ारने की ख्वाहिश में
एक प्याली चाय का इसरार हो ना हो
ज़रूरत भी महसूस न हो शायद
कभी कोई ऐसा लम्हा आ जाए
लेकिन अनदेखा कर दे तुझे,
ये सब की बात नहीं,
कुछ तो बात है तुझमें ऐ ज़िन्दगी
हर मोड़ पर मिल जाती है तू
किसी पुराने दोस्त की तरह….
शुभा
7 replies on “कुछ तो बात है….”
Kya baat 👍
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पसंद आई आपको
धन्यवाद
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🤗 सुंदर रचना है तो
पसंद तो आएगी ही 😄
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फिर से एक बार धन्यवाद!!! प्रशंसा के शब्दों से उत्साह बढ़ता है
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वाह!
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धन्यवाद जी
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bahut khoob!
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